अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में कुल्लू पहुंचे देवी-देवता
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आपदा के तीन महीने बाद कुल्लू फिर खड़ा हो गया है और मंगलवार से जिले के ढालपुर मैदान में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के रूप में बड़ा देव महाकुंभ शुरू हो रहा है। दशहरा उत्सव से प्राकृतिक आपदा की मार झेल चुके कुल्लू-मनाली में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय मेले के लिए इस बार 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। इनमें से सोमवार देर शाम तक 200 से अधिक देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए हैं।
मेले में पहली बार 14 देशों के सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुतियों से चार चांद लगाएंगे। भगवान रघुनाथ समेत अन्य देवी-देवताओं की यहां बनाए अस्थायी शिविरों में ठहरेंगे। रघुनाथ की नगरी एवं अठारह करडू की सौह ढालपुर में एक सप्ताह तक देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना और देव मंत्रोच्चारण से पूरा वातावरण महक उठेगा। झारी, धड़छ, घंटी, शहनाई, ढोल, नगाड़ों, करनाल और नरसिंगों की स्वरलहरियों से ढालपुर का नजारा बदला हुआ नजर आएगा। मेले के बहाने ढालपुर पुलिस छावनी में तबदील हो गया है। 1300 जवान मेले में तैनात रहेंगे। वहीं, ड्रोन-सीसीटीवी से भी नजर रखी जाएगी।
मंगलवार शाम चार बजे भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ महाकुंभ शुरू होगा। भुवनेश्वरी माता भेखली का इशारा मिलते ही रथयात्रा शुरू होगी। देव और मानस मिलन के प्रतीक कुल्लू दशहरा में भगवान रघुनाथ के रथ को ही खींचने के लिए हजारों श्रद्धालु उमड़ेंगे। रथ मैदान से रथयात्रा ढालपुर स्थित अस्थायी शिविर पहुंचेगी। जय सिया राम…के उद्घोष के साथ रघुनाथ ढालपुर आएंगे। इसके बाद जिले भर से आने वाले देवी-देवता अपने अस्थायी शिविरों में विराजमान हो जाएंगे।